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सुख-दुख समस्याएं रहें सब ही मिल-जुल के जाते हैं अकेले जगत के झमेले जग है कुटुम्ब अपना व्यवहार मृदु रख हैं याद आते वो लम्हे अकेले खड़े लकीरें हाथ में जो हैं पुरानी हैं बच्चे में रह सकते हैं हिंसा अस्त्र में बदलते हैं

Hindi आते हैं अकेले जग में Poems